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सिर्फ एक WhatsApp ग्रुप से बर्बाद हुई पूरी जिंदगी! ₹2 करोड़ का नुकसान, जानिए कैसे एक फर्जी हेल्थ ग्रुप बना 2025 का सबसे बड़ा ऑनलाइन स्कैम 🔍 |
WhatsApp ग्रुप से जुड़ते ही उड़ गए ₹2 करोड़! आंध्र प्रदेश के प्रोफेसर का ऑनलाइन स्कैम केस जिसे जानकर आप चौंक जाएंगे 😱
ऑनलाइन ठगी का नेटवर्क दिन-ब-दिन खतरनाक रूप लेता जा रहा है। अब सिर्फ एक WhatsApp ग्रुप जॉइन करने पर भी साइबर फ्रॉड 🤯 का शिकार होना पड़ सकता है। हाल ही में आंध्र प्रदेश के एक रिटायर्ड प्रोफेसर ने लगभग ₹2 करोड़ गंवा दिए, सिर्फ एक हेल्थ ग्रुप से जुड़कर। आइए जानते हैं इस हैरान कर देने वाले WhatsApp Scam 😱 की पूरी कहानी और इससे कैसे बचें।
🔴 WhatsApp Scam कैसे हुआ – पूरी घटना का खुलासा
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, यह मामला Dr. M. Batmanabane Mounissamy से जुड़ा है, जो कि JIPMER, पांडिचेरी के पूर्व निदेशक और प्रोफेसर रह चुके हैं। उन्हें 18 जून को एक WhatsApp Group में जोड़ा गया, जिसका नाम था H-10 नुवामा हेल्थ ग्रुप।
ग्रुप एडमिन ने दावा किया कि वह Nuvama Funds (पहले Edelweiss) से जुड़ा हुआ है और इसमें निवेश से मोटा मुनाफा मिलेगा। प्रोफेसर को यह प्रस्ताव आकर्षक लगा क्योंकि वह पहले से ही इस फर्म से परिचित थे।
🧠 स्कैमर्स ने ऐसे बनाया भरोसा – स्मार्ट ट्रिक से फंसाया
ग्रुप में जोड़ने के कुछ समय बाद ही एक महिला, जिसका नाम कंगना था, प्रोफेसर से प्राइवेट चैट में संपर्क करती है। वह खुद को नुवामा की प्रतिनिधि बताती है और उन्हें एक वेबसाइट पर रजिस्टर करने को कहती है।
💡 यह वेबसाइट असली नुवामा ब्रांडिंग की नकली कॉपी थी।
प्रोफेसर ने 19 अप्रैल को पहली बार ₹10,000 निवेश किए और जल्दी ही ₹13,000 का रिटर्न मिला। इससे प्रोफेसर को यकीन हो गया कि यह सही निवेश प्लेटफॉर्म है।
💰 कैसे हुआ करोड़ों का नुकसान – झांसे में आकर लगाया बड़ा पैसा
अगले 5 हफ्तों में प्रोफेसर ने करीब ₹1.9 करोड़ का निवेश किया। इस फर्जी प्लेटफॉर्म पर ₹35 करोड़ का अकाउंट बैलेंस दिखाया गया। जब प्रोफेसर ने ₹5 करोड़ निकालने की कोशिश की तो स्कैमर्स ने प्रोसेसिंग फीस की मांग की।
पहले ₹32 लाख मांगे गए 💸
बाद में इसे घटाकर 25% कर दिया गया
प्रोफेसर ने ₹7.9 लाख ट्रांसफर कर दिए
लेकिन उसके बाद भी पैसे नहीं निकले।
😓 फर्जी अधिकारी से मिलवाया गया – फिर भी नहीं मिली राहत
घोटालेबाजों ने प्रोफेसर को आशीष केहैर नाम के एक फर्जी सीनियर ऑफिसर से मिलवाया। लेकिन इससे भी कोई फायदा नहीं हुआ। अंततः प्रोफेसर को समझ आ गया कि यह एक बड़ा ऑनलाइन फ्रॉड था।
इसके बाद उन्होंने साइबर क्राइम अधिकारियों से संपर्क किया और रिपोर्ट दर्ज कराई।
⚠️ WhatsApp Scam से कैसे बचें – अपनाएं ये जरूरी सुरक्षा टिप्स
अनजान WhatsApp ग्रुप में न जुड़ें 🤳
लुभावने निवेश प्रस्तावों से सावधान रहें 💸
किसी भी वेबसाइट पर पैसे भेजने से पहले उसकी वैधता जांचें 🔍
बैंक या निवेश से जुड़ी जानकारी कभी भी ग्रुप में साझा न करें 🛑
कस्टमर केयर से सीधे संपर्क करें, किसी एजेंट या प्रतिनिधि पर भरोसा न करें ☎️
WhatsApp Privacy Settings अपडेट रखें 🔐
संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से बचें 🚫
❓ FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Q1. क्या सिर्फ WhatsApp ग्रुप जॉइन करने से फ्रॉड हो सकता है?
हाँ, स्कैमर्स आपको ग्रुप में जोड़कर धीरे-धीरे भरोसा जीतते हैं और फिर ठगी करते हैं।
Q2. नुवामा फंड्स असली हैं या फर्जी?
नुवामा एक असली संस्था है, लेकिन स्कैमर्स ने इसके नाम से फर्जी वेबसाइट बनाई और लोगों को ठगा।
Q3. फ्रॉड होने पर क्या करें?
तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें या cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।
Q4. WhatsApp Scam से बचने के लिए कौन-से एप्स मदद कर सकते हैं?
आप Truecaller, Norton Mobile Security, और Google Safe Browsing जैसी सेवाओं का सहारा ले सकते हैं।
Q5. निवेश से पहले कौन-कौन से संकेत जांचें?
वेबसाइट का URL
कंपनी का रजिस्ट्रेशन नंबर
SEBI से लाइसेंस
Google पर रिव्यू और जानकारी
✅ निष्कर्ष – सतर्क रहें, सुरक्षित रहें
अब ऑनलाइन स्कैम्स बेहद स्मार्ट और हाई-टेक हो चुके हैं। सिर्फ एक WhatsApp ग्रुप में शामिल होने से भी लाखों का नुकसान हो सकता है। इसलिए कोई भी ऑफर आकर्षक लगे तो भी पहले जांच करें, फिर निवेश करें।