बिहार के शिक्षक को WhatsApp पर ‘डिजिटल अरेस्ट’ कर उड़ाए ₹1.5 लाख! जानिए इस नई साइबर ठगी से कैसे बचें

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बिहार के शिक्षक को WhatsApp पर ‘डिजिटल अरेस्ट’ कर उड़ाए ₹1.5 लाख! जानिए इस नई साइबर ठगी से कैसे बचें
बिहार के शिक्षक को WhatsApp पर ‘डिजिटल अरेस्ट’ कर उड़ाए ₹1.5 लाख! जानिए इस नई साइबर ठगी से कैसे बचें 


डिजिटल अरेस्ट का नया जाल: WhatsApp पर एक्टिव होते ही कटे लाखों! बिहार के शिक्षक के साथ हुई घटना ने देश को चौंकाया

डिजिटल अरेस्ट एक नई साइबर ठगी की तकनीक है जिसमें अपराधी पीड़ित को मानसिक दबाव में डालकर ऑनलाइन प्लेटफार्म पर एक्टिव करवाते हैं और फिर उनके डिवाइस से ओटीपी, पासवर्ड या संवेदनशील डाटा हासिल कर खाते से पैसे उड़ा लेते हैं। यह पूरी प्रक्रिया इतनी तेज और विश्वसनीय तरीके से होती है कि आम व्यक्ति को समझने तक का मौका नहीं मिलता।


📍सारण के शिक्षक के साथ कैसे हुई यह वारदात?

बिहार के सारण जिले के रसूलपुर थाना क्षेत्र में स्थित आर एन हाईस्कूल योगियां में कार्यरत बीपीएससी चयनित शिक्षक कुमार प्रिंस के साथ यह सनसनीखेज साइबर ठगी गुरुवार को हुई।

  • शिक्षक अपने क्रेडिट कार्ड से कुछ खरीदारी कर रहे थे।

  • कस्टमर केयर से जानकारी लेते वक्त अचानक कॉल कट गया।

  • तुरंत एक नया निजी नंबर आया, कॉल करने वाले ने खुद को कार्ड कंपनी का प्रतिनिधि बताया और शिक्षक की पूरी जानकारी बताई।

  • फिर तकनीकी खराबी का बहाना बनाकर उन्हें WhatsApp पर ऑनलाइन होने को कहा 📱।

  • ऑनलाइन होते ही, उनके डिवाइस से ओटीपी ऑटो शेयर होने लगा।

  • कुछ ही सेकंड में उनके SBI क्रेडिट कार्ड से तीन बार में ₹1,47,000 की निकासी कर ली गई 😱।


📞 साइबर अपराधियों की चालबाज़ी की पूरी कहानी 🔍

चरण

साइबर अपराधी का तरीका

1️⃣

कार्ड से खरीदारी करते समय कॉल करना

2️⃣

खुद को कस्टमर केयर बताना और सारी जानकारी देना

3️⃣

OTP लेने के लिए WhatsApp पर एक्टिव होने को कहना

4️⃣

OTP ऑटोमेटिक एक्सेस करना और कार्ड से रकम निकाल लेना 💳


🚔 शिक्षक ने कहाँ की शिकायत?

  • शिक्षक कुमार प्रिंस ने तुरंत ऑनलाइन शिकायत साइबर सेल में दर्ज की।

  • साथ ही SBI बैंक प्रबंधक को भी सूचित किया गया है।


📈 बिहार में बढ़ते साइबर क्राइम की चिंता 😟

बिहार में ऐसे डिजिटल अरेस्ट साइबर फ्रॉड के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इससे पहले भी:

  • पटना में डॉक्टर दंपति को करोड़ों की ठगी का शिकार बनाया गया था।

  • अब शिक्षक भी शिकार हो रहे हैं, जिससे ये साफ है कि शिक्षित वर्ग को भी निशाना बनाया जा रहा है।


🔐 कैसे बचें 'डिजिटल अरेस्ट' जैसी साइबर ठगी से?

✅ सुरक्षा के उपाय 🔒

  1. कभी भी अनजान नंबर से आए कॉल पर विश्वास न करें📵।

  2. बैंक का कस्टमर केयर नंबर हमेशा ऑफिशियल वेबसाइट से लें।

  3. OTP या पासवर्ड किसी से साझा न करें, चाहे सामने वाला कितना भी विश्वसनीय लगे।

  4. WhatsApp पर किसी भी अजनबी से वीडियो कॉल या चैट में निजी जानकारी साझा न करें।

  5. मोबाइल पर ऐंटी वायरस या सिक्योरिटी ऐप्स इंस्टॉल करें 🔐।


⚠️ डिजिटल अरेस्ट का मनोवैज्ञानिक खेल 🎭

  • अपराधी पहले पीड़ित को कस्टमर केयर की तरह व्यवहार करके भरोसा दिलाते हैं।

  • फिर तकनीकी शब्दों का इस्तेमाल कर उन्हें भ्रमित करते हैं।

  • इसके बाद डर का माहौल बनाकर तुरंत एक्शन लेने को कहते हैं जिससे व्यक्ति गलती कर बैठता है।


🌐 साइबर सेल की भूमिका और चुनौतियाँ

बढ़ते डिजिटल फ्रॉड को लेकर:

  • साइबर सेल को प्रशिक्षित और आधुनिक उपकरणों की जरूरत है।

  • पुलिस को आम जनता के लिए डिजिटल सुरक्षा जागरूकता अभियान चलाना चाहिए।

  • अपराधियों की ट्रैकिंग के लिए AI आधारित सिस्टम लागू करना चाहिए 🤖।


📰 क्या कहता है कानून?

भारत में Information Technology Act, 2000 के तहत:

  • OTP धोखाधड़ी और बैंकिंग फ्रॉड करने वालों पर सख्त कार्रवाई का प्रावधान है।

  • दोषियों को 3 से 7 साल तक की सजा और जुर्माना हो सकता है।


📚 शिक्षकों जैसे वर्ग को क्यों बनाया जा रहा है निशाना?

  • शिक्षकों को टेक्नोलॉजी में थोड़ा कम जागरूक माना जाता है।

  • उनका वेतन नियमित होता है जिससे बैंक अकाउंट में पैसा रहता है।

  • अपराधियों को लगता है कि शिक्षक जल्दी डर जाएंगे और प्रतिरोध नहीं करेंगे।


📢 सरकार और बैंक को क्या कदम उठाने चाहिए?

  1. बैंक को अपने ग्राहकों को नियमित रूप से SMS/ईमेल द्वारा सावधान करना चाहिए।

  2. टोल-फ्री नंबर और हेल्पलाइन हर जगह प्रमुखता से प्रचारित होनी चाहिए।

  3. स्कूलों और कॉलेजों में साइबर सुरक्षा की वर्कशॉप कराई जाए।


❓FAQs - अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

❓डिजिटल अरेस्ट क्या है?

डिजिटल अरेस्ट एक साइबर ठगी की तकनीक है जिसमें अपराधी आपको डरा-धमकाकर ऑनलाइन कर देते हैं और आपके डिवाइस से जानकारी निकालकर बैंक खातों से पैसे निकाल लेते हैं।

❓WhatsApp से ओटीपी कैसे लीक होता है?

जब आप किसी लिंक पर क्लिक करते हैं या कोई एप इंस्टॉल करते हैं, तब ओटीपी ऑटोमेटिक अपराधियों को ट्रांसफर हो सकता है।

❓क्या SBI ऐसे मामलों में पैसा वापस करता है?

यदि शिकायत समय पर की जाए और ग्राहक की गलती न हो, तो बैंक पैसे रिफंड कर सकता है।

❓अगर मुझे भी ऐसा कॉल आए तो क्या करूँ?

फोन तुरंत काटें, नंबर को ब्लॉक करें और साइबर सेल में रिपोर्ट करें: https://cybercrime.gov.in

❓क्या शिक्षकों को साइबर सेफ्टी की ट्रेनिंग मिलती है?

अभी तक यह अनिवार्य नहीं है लेकिन सरकार को इसे जरूरी बनाना चाहिए।


🔚 निष्कर्ष: सतर्क रहें, सुरक्षित रहें!

डिजिटल अरेस्ट जैसी नई तकनीकों से साइबर अपराधी अब पढ़े-लिखे लोगों को भी निशाना बना रहे हैं। जरूरी है कि हम डिजिटल साक्षरता को बढ़ाएं, सुरक्षा उपाय अपनाएं और सतर्क रहें। याद रखें – “एक क्लिक आपको लाखों का नुकसान पहुँचा सकता है!” 💸

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