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WhatsApp पर Screen Mirroring Fraud |
WhatsApp पर Screen Mirroring Fraud: बैंक अकाउंट खाली करने वाली नई ऑनलाइन ठगी से सावधान
डिजिटल युग में WhatsApp न सिर्फ बातचीत का जरिया है बल्कि अब यह धोखेबाजों के लिए ठगी का सबसे आसान प्लेटफॉर्म भी बन गया है। त्योहारों के सीजन में जब ऑनलाइन शॉपिंग, डिजिटल पेमेंट और UPI ट्रांजैक्शन तेज़ी से बढ़ते हैं, तब साइबर अपराधी सक्रिय हो जाते हैं। हाल ही में “WhatsApp Screen Mirroring Fraud” नामक एक नया साइबर स्कैम सामने आया है जिसने हजारों लोगों को निशाना बनाया है। यह ठगी इतनी खतरनाक है कि चुटकियों में बैंक अकाउंट खाली हो सकता है और पीड़ित की निजी जानकारी भी चुराई जा सकती है।
OneCard जैसी वित्तीय कंपनियों और साइबर सिक्योरिटी एजेंसियों ने इसके बारे में चेतावनी जारी की है। धोखेबाज खुद को बैंक या वित्तीय संस्थान का कर्मचारी बताकर यूज़र को स्क्रीन-शेयरिंग ऑन करने के लिए कहते हैं। जैसे ही पीड़ित WhatsApp पर स्क्रीन मिररिंग की अनुमति देता है, उसकी हर गतिविधि स्कैमर्स तक पहुंच जाती है। OTP, UPI PIN, पासवर्ड और पर्सनल मैसेज भी चुटकियों में चुरा लिए जाते हैं। यह सिर्फ पैसों की चोरी तक सीमित नहीं है बल्कि पहचान चोरी और डिजिटल सुरक्षा के लिए भी बेहद खतरनाक है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि WhatsApp Screen Mirroring Fraud क्या है, यह कैसे काम करता है, और खुद को सुरक्षित रखने के लिए किन सावधानियों की जरूरत है।
WhatsApp Screen Mirroring Fraud क्या है?
WhatsApp Screen Mirroring Fraud एक साइबर ठगी है जिसमें स्कैमर्स यूज़र्स को झांसा देकर उनके स्मार्टफोन की स्क्रीन तक पहुंच बना लेते हैं। वे खुद को बैंक अधिकारी या फाइनेंशियल कंपनी का प्रतिनिधि बताकर यह दावा करते हैं कि आपके अकाउंट में कोई समस्या है और उसे ठीक करने के लिए स्क्रीन-शेयरिंग ऑन करनी होगी। जैसे ही पीड़ित यह अनुमति देता है, स्कैमर्स लाइव उसकी मोबाइल स्क्रीन पर नजर रखने लगते हैं।
इस दौरान यूज़र का बैंकिंग ऐप, OTP, UPI PIN और अन्य प्राइवेट डेटा धोखेबाजों के पास चला जाता है। वे बिना किसी रुकावट के अकाउंट से पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं और निजी जानकारी का दुरुपयोग करके पहचान चोरी भी कर सकते हैं।
यह फ्रॉड कैसे काम करता है?
इस ठगी में सबसे पहले स्कैमर WhatsApp या कॉल के जरिए संपर्क करता है और खुद को बैंक कर्मचारी बताता है। फिर वह यह कहकर डराता है कि आपके अकाउंट में समस्या है जिसे तुरंत ठीक करना होगा।
वह यूज़र को गाइड करता है कि फोन पर स्क्रीन-शेयरिंग कैसे ऑन करें। जैसे ही पीड़ित स्क्रीन मिररिंग शुरू करता है, स्कैमर उसकी हर गतिविधि लाइव देख सकता है। OTP डालते समय, बैंकिंग ऐप इस्तेमाल करते समय या UPI ट्रांजैक्शन करते समय स्कैमर पूरी जानकारी हासिल कर लेता है।
कुछ मामलों में, स्कैमर्स WhatsApp पर मैलवेयर या की-लॉगर ऐप भी इंस्टॉल करने के लिए कहते हैं, जिससे यूज़र जो भी पासवर्ड टाइप करता है, वह रिकॉर्ड होकर सीधा स्कैमर तक पहुंच जाता है। इस तरह बैंक अकाउंट को हैक करना उनके लिए बेहद आसान हो जाता है।
WhatsApp Fraud से खुद को कैसे बचाएं?
इस तरह की ठगी से बचने के लिए साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स और OneCard ने कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं।
सबसे पहले, किसी भी कॉलर की पहचान को बैंक के आधिकारिक कस्टमर केयर नंबर से वेरिफाई करना चाहिए। याद रखें, कोई भी बैंक या वित्तीय संस्था कभी भी WhatsApp पर स्क्रीन-शेयरिंग की मांग नहीं करती।
स्क्रीन मिररिंग फीचर केवल भरोसेमंद व्यक्तियों और निजी जरूरतों के लिए इस्तेमाल करना चाहिए, न कि अनजान लोगों के कहने पर। एंड्रॉयड यूज़र्स को “अननोन सोर्स से ऐप इंस्टॉलेशन” बंद रखना चाहिए ताकि फोन में बिना अनुमति के कोई भी ऐप इंस्टॉल न हो सके।
अगर कोई संदिग्ध कॉल या मैसेज आए तो तुरंत उसे ब्लॉक करें और cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें। इसके अलावा, भारत सरकार ने साइबर ठगी की रिपोर्ट करने के लिए हेल्पलाइन नंबर 1930 जारी किया है, जिस पर तुरंत कॉल करना जरूरी है।
अगर WhatsApp Fraud में फंस जाएं तो क्या करें?
अगर गलती से आप इस फ्रॉड का शिकार हो जाएं तो सबसे पहले अपने बैंक को सूचित करें ताकि आपका अकाउंट तुरंत फ्रीज़ किया जा सके। इसके बाद साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें और cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें। समय पर की गई यह कार्रवाई आपके नुकसान को कम कर सकती है।
निष्कर्ष
WhatsApp आज हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा है, लेकिन यही ऐप अब धोखेबाजों के लिए सबसे आसान हथियार बन गया है। Screen Mirroring Fraud जैसी ठगी इस बात का सबूत है कि जरा सी लापरवाही बैंक अकाउंट और निजी डेटा दोनों को खतरे में डाल सकती है। डिजिटल युग में सतर्कता ही सुरक्षा है। इसलिए याद रखें, WhatsApp पर किसी भी अनजान कॉलर की बातों में न आएं और स्क्रीन-शेयरिंग जैसी संवेदनशील सुविधा का इस्तेमाल केवल अपनी जरूरत के हिसाब से ही करें।
FAQs
प्रश्न 1: WhatsApp Screen Mirroring Fraud क्या है?
उत्तर: यह एक साइबर ठगी है जिसमें स्कैमर्स यूज़र्स को स्क्रीन-शेयरिंग ऑन करने के लिए कहते हैं और फिर उनकी बैंकिंग जानकारी चुरा लेते हैं।
प्रश्न 2: यह फ्रॉड कैसे होता है?
उत्तर: धोखेबाज खुद को बैंक कर्मचारी बताकर WhatsApp पर स्क्रीन मिररिंग शुरू करवाते हैं और OTP, पासवर्ड व बैंकिंग डेटा तक पहुंच जाते हैं।
प्रश्न 3: अगर मैं इस ठगी में फंस जाऊं तो क्या करूं?
उत्तर: तुरंत अपने बैंक को सूचित करें, साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें और cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।
प्रश्न 4: खुद को कैसे सुरक्षित रखें?
उत्तर: अनजान कॉलर की बातों में न आएं, स्क्रीन-शेयरिंग से बचें, संदिग्ध नंबर ब्लॉक करें और किसी के साथ OTP या पासवर्ड साझा न करें।