![]() |
यूजर्स के लिए खतरा या सुविधा? WhatsApp मैसेज समरी, शेड्यूल कॉल और पेड चैनल सब्सक्रिप्शन पर उठे प्राइवेसी सवाल |
WhatsApp अपडेट से मचा हड़कंप: मेटा एआई ग्रुप चैट पढ़ सकता है या नहीं? विजय शेखर शर्मा ने बताई गुप्त सेटिंग्स
टेक्नोलॉजी की दुनिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) लगातार नए बदलाव ला रहा है। खासकर मैसेजिंग ऐप्स में इसका इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है। हाल ही में पेटीएम के फाउंडर विजय शेखर शर्मा ने दावा किया कि WhatsApp का AI ग्रुप चैट्स को पढ़ सकता है। इस बयान के बाद यूजर्स के बीच प्राइवेसी को लेकर चिंता और बहस छिड़ गई। हालांकि, WhatsApp की ओर से साफ कर दिया गया कि उनका नया मेटा एआई फीचर पूरी तरह वैकल्पिक है और केवल वही जानकारी एक्सेस करता है जो यूजर्स स्वयं साझा करते हैं। इसके बावजूद यह विषय सुर्खियों में है क्योंकि चैट प्राइवेसी हर यूजर के लिए सबसे महत्वपूर्ण पहलू है। साथ ही, WhatsApp ने हाल ही में कई नए फीचर्स जैसे मैसेज समरी, शेड्यूल कॉल और इंटरएक्टिव टूल्स लॉन्च किए हैं। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि असल में यह मामला क्या है, WhatsApp के नए फीचर्स कैसे काम करते हैं और आने वाले समय में प्लेटफॉर्म किस दिशा में आगे बढ़ सकता है।
WhatsApp पर AI चैट एक्सेस का विवाद
विजय शेखर शर्मा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर कहा कि WhatsApp का AI ग्रुप चैट्स को पढ़ सकता है और इसे रोकने के लिए उन्होंने सेटिंग्स बदलने का तरीका भी साझा किया। उनका दावा था कि नए अपडेट के बाद मेटा एआई टूल्स चैट डेटा तक पहुंच सकते हैं, जिससे प्राइवेसी पर सवाल उठते हैं।
WhatsApp ने इन दावों का खंडन किया और स्पष्ट किया कि उनकी सभी पर्सनल चैट्स एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन से सुरक्षित हैं। यानी संदेश भेजने वाला और पाने वाला ही उसे पढ़ सकता है, बीच में कोई तीसरा, यहां तक कि WhatsApp भी नहीं। मेटा एआई केवल उन्हीं सूचनाओं का उपयोग करता है जिन्हें यूजर चैटबॉट के साथ साझा करते हैं।
मेटा एआई और नया मैसेज समरी फीचर
WhatsApp ने हाल ही में "मैसेज समरी" नामक फीचर पेश किया है। यह मेटा एआई पर आधारित है और उन चैट्स का सारांश बनाने में मदद करता है जिन्हें यूजर ने पढ़ा नहीं है या जो काफी लंबी हैं। इस फीचर का उद्देश्य समय बचाना और यूजर एक्सपीरियंस को बेहतर बनाना है।
हालांकि, यही फीचर सबसे अधिक विवादों में है क्योंकि सारांश बनाने की प्रक्रिया के दौरान एआई चैट्स को पढ़ता है या नहीं, इस पर लोगों के मन में संदेह बना हुआ है। WhatsApp का कहना है कि यह फीचर पूरी तरह से कंट्रोल्ड है और केवल वही जानकारी प्रोसेस होती है जो यूजर चाहें।
ग्रुप कॉल शेड्यूल करने की सुविधा
WhatsApp ने अपने प्लेटफॉर्म पर ग्रुप कॉल शेड्यूल करने का विकल्प भी दिया है। अब यूजर्स कॉल टैब में '+' बटन पर क्लिक करके "शेड्यूल कॉल" सेट कर सकते हैं और प्रतिभागियों को इनवाइट भेज सकते हैं। इस फीचर से प्रोफेशनल और पर्सनल दोनों तरह की ग्रुप मीटिंग्स को व्यवस्थित करना आसान हो जाएगा।
साथ ही, जब कोई सदस्य कॉल लिंक से जुड़ता है, तो कॉल क्रिएटर को नोटिफिकेशन मिल जाता है। WhatsApp ने कॉल्स को और मज़ेदार बनाने के लिए "रेज़ हैंड" और "रिएक्शन" जैसे इंटरएक्टिव टूल्स भी जोड़े हैं।
WhatsApp का भविष्य: पेड चैनल और विज्ञापन
मेटा लगातार WhatsApp को मॉनिटाइज करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। खबरों के अनुसार, आने वाले समय में WhatsApp पर "पेड चैनल सब्सक्रिप्शन" की सुविधा मिल सकती है। इससे चैनल क्रिएटर्स अपने कंटेंट से कमाई कर पाएंगे।
इसके अलावा, "डिस्कवरी डायरेक्टरी" में प्रमोटेड चैनल और स्टेटस सेक्शन में विज्ञापन जोड़ने की भी योजना है। इससे WhatsApp न केवल सोशल मैसेजिंग प्लेटफॉर्म रहेगा बल्कि कंटेंट डिस्कवरी और बिजनेस प्रमोशन का बड़ा माध्यम भी बन जाएगा।
यूजर्स की प्राइवेसी बनाम नई तकनीक
WhatsApp ने हमेशा से अपनी सबसे बड़ी ताकत "एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन" को बताया है। लेकिन हर बार जब एआई जैसे नए फीचर्स आते हैं, तो यूजर्स के मन में संदेह उठता है। टेक्नोलॉजी का उद्देश्य भले ही सुविधा बढ़ाना हो, लेकिन प्राइवेसी और सिक्योरिटी को लेकर पारदर्शिता उतनी ही ज़रूरी है।
विजय शेखर शर्मा का दावा भले ही पूरी तरह सटीक न हो, लेकिन इसने यूजर्स को सजग जरूर कर दिया है कि उन्हें अपने ऐप्स की सेटिंग्स और अपडेट्स पर ध्यान देना चाहिए।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
प्रश्न 1: क्या WhatsApp का AI सचमुच हमारी चैट्स पढ़ता है?
नहीं, WhatsApp का कहना है कि व्यक्तिगत चैट्स एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड रहती हैं। मेटा एआई केवल उन्हीं डेटा तक पहुंचता है जिन्हें आप स्वेच्छा से साझा करते हैं।
प्रश्न 2: मैसेज समरी फीचर कैसे काम करता है?
यह फीचर मेटा एआई की मदद से आपकी बिना पढ़ी हुई लंबी चैट्स का सारांश तैयार करता है ताकि आप जल्दी जानकारी प्राप्त कर सकें।
प्रश्न 3: ग्रुप कॉल शेड्यूल करने का क्या फायदा है?
इस फीचर से आप पहले से कॉल की तारीख और समय तय कर सकते हैं, जिससे प्रोफेशनल मीटिंग्स और पारिवारिक बातचीत दोनों ही आसान हो जाते हैं।
प्रश्न 4: क्या भविष्य में WhatsApp पेड होगा?
पूरी तरह पेड नहीं होगा, लेकिन कुछ चैनल्स या कंटेंट के लिए सब्सक्रिप्शन मॉडल लाया जा सकता है।
निष्कर्ष
WhatsApp लगातार नए फीचर्स लॉन्च कर रहा है ताकि यूजर्स का अनुभव बेहतर हो सके। मैसेज समरी और शेड्यूल कॉल जैसे फीचर्स निश्चित रूप से उपयोगी हैं, लेकिन इनके साथ प्राइवेसी की चिंता भी बनी रहती है। विजय शेखर शर्मा का दावा चाहे विवादित हो, मगर इसने एक जरूरी मुद्दे पर ध्यान दिलाया है कि डिजिटल युग में सुविधा और सुरक्षा दोनों का संतुलन जरूरी है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि WhatsApp प्राइवेसी को बरकरार रखते हुए कैसे नई तकनीक को अपनाता है।