अब WhatsApp Group में भी रैगिंग मानी जाएगी! UGC ने बदले सख्त नियम, छात्रों और कॉलेजों पर गिरेगी गाज

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अब WhatsApp Group में भी रैगिंग मानी जाएगी! UGC ने बदले सख्त नियम, छात्रों और कॉलेजों पर गिरेगी गाज
अब WhatsApp Group में भी रैगिंग मानी जाएगी! UGC ने बदले सख्त नियम, छात्रों और कॉलेजों पर गिरेगी गाज

UGC का नया फरमान 2025: WhatsApp पर भेजा गया एक मैसेज भी बना सकता है आपको रैगिंग का आरोपी!

यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) ने एक नया दिशा-निर्देश जारी किया है जो उच्च शिक्षा में पढ़ने वाले छात्रों के लिए बेहद अहम है। अब अगर कोई सीनियर छात्र अपने जूनियर्स को WhatsApp Group या किसी अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए मानसिक रूप से परेशान करता है, तो यह भी रैगिंग की श्रेणी में माना जाएगा। इस नए नियम के लागू होने के बाद छात्रों को न केवल संस्थानों में बल्कि ऑनलाइन माध्यमों पर भी जिम्मेदारी से पेश आना होगा।


🎓 UGC का उद्देश्य: छात्रों की सुरक्षा और मानसिक शांति

UGC ने छात्रों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए 8 जुलाई 2025 को देशभर के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को यह आदेश भेजा है। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि सभी कॉलेज और यूनिवर्सिटीज़ अनौपचारिक WhatsApp Groups की निगरानी रखें और सुनिश्चित करें कि वहां जूनियर्स को किसी भी तरह से प्रताड़ित न किया जाए।


🚫 WhatsApp पर रैगिंग: अब नहीं चलेगा मजाक के नाम पर उत्पीड़न

UGC ने कहा है कि कई सीनियर छात्र अनौपचारिक WhatsApp Groups बनाकर नए छात्रों को जोड़ते हैं और फिर वहां उन्हें अपमानजनक संदेश, धमकियां या अनुचित आदेश देकर मानसिक रूप से परेशान करते हैं। यह व्यवहार अब रैगिंग की श्रेणी में आएगा, और दोषी पाए जाने पर संबंधित छात्र के साथ-साथ संस्थान पर भी कार्रवाई की जाएगी।


📱 सोशल मीडिया पर बढ़ती रैगिंग की घटनाएं

आज के डिजिटल युग में रैगिंग सिर्फ कैंपस तक सीमित नहीं रह गई है। अब यह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे WhatsApp, इंस्टाग्राम और टेलीग्राम तक पहुंच गई है। जूनियर्स को मानसिक रूप से तोड़ा जा रहा है, उन्हें अपमानित किया जा रहा है, और कई बार जातिगत या क्षेत्रीय टिप्पणियों का भी सामना करना पड़ता है।

UGC के मुताबिक उन्हें हर वर्ष सैकड़ों शिकायतें मिलती हैं जिनमें यह बताया जाता है कि छात्र ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर अपने सीनियर्स द्वारा प्रताड़ित किए गए हैं।


⚠️ UGC की चेतावनी: ये हरकतें भी रैगिंग में होंगी शामिल

UGC ने अपने नए दिशा-निर्देशों में उन गतिविधियों की लिस्ट दी है जो अब रैगिंग मानी जाएंगी, जिनमें शामिल हैं:

  • सोशल बॉयकॉट की धमकी देना: किसी छात्र को अन्य छात्रों से अलग-थलग करना।

  • देर रात तक जागने के लिए मजबूर करना: नींद न लेने देना और बिना मतलब की एक्टिविटीज़ में जबरदस्ती शामिल करना।

  • अपमानजनक व्यवहार: जूनियर्स को बेइज्जत करना, उनका मजाक उड़ाना।

  • जाति, लिंग या क्षेत्रीय टिप्पणियां: जैसे 'बिहारी', 'जाट', आदि शब्दों का तिरस्कारपूर्ण उपयोग।

इन सभी गतिविधियों को अब कड़ी निगरानी में रखा जाएगा और दोषियों को कड़ा दंड दिया जाएगा।


🧑‍⚖️ UGC के नियमों के तहत संभावित सजा

अगर कोई छात्र रैगिंग का दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। संभावित दंडों में शामिल हैं:

  • कॉलेज से निलंबन या निष्कासन

  • छात्रवृत्ति या अन्य सुविधाओं की समाप्ति

  • पुलिस में शिकायत और कानूनी कार्रवाई

  • संस्थान पर भी कार्रवाई जैसे UGC की मान्यता पर प्रभाव


🏫 संस्थानों की जिम्मेदारी: निगरानी और रोकथाम

UGC ने केवल छात्रों को ही नहीं, बल्कि उच्च शिक्षा संस्थानों को भी जिम्मेदार ठहराया है। अब कॉलेजों को चाहिए कि वे:

  • हर नए सत्र में एंटी-रैगिंग अवेयरनेस प्रोग्राम्स का आयोजन करें।

  • सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल बनाएं जो WhatsApp और अन्य Groups पर नजर रखें।

  • जूनियर्स और सीनियर्स के बीच संवाद की व्यवस्था करें ताकि दोनों पक्ष एक-दूसरे की भावनाओं को समझ सकें।


🗣️ छात्रों की प्रतिक्रिया: राहत और संतोष

UGC के इस निर्णय से छात्रों के अभिभावकों और जूनियर्स ने राहत की सांस ली है। अब उन्हें उम्मीद है कि संस्थान न केवल कक्षा में बल्कि ऑनलाइन भी उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे। सोशल मीडिया पर भी छात्रों ने इस फैसले का स्वागत किया है और इसे ‘टाइम डिमांडिंग’ बताया है।


🤔 UGC के अनुसार: रैगिंग सिर्फ मज़ाक नहीं, एक गंभीर अपराध

UGC ने स्पष्ट किया है कि रैगिंग को अब सिर्फ छात्रों के बीच के मज़ाक के तौर पर नहीं देखा जाएगा। यह एक गंभीर सामाजिक और मानसिक अपराध है जो किसी भी छात्र के आत्मविश्वास, मानसिक स्थिति और भविष्य को बर्बाद कर सकता है।


💡 UGC की सलाह: अगर रैगिंग हो तो क्या करें?

अगर कोई छात्र रैगिंग का शिकार होता है, तो वह तुरंत नीचे दिए गए उपाय अपना सकता है:

  • UGC हेल्पलाइन नंबर 1800-180-5522 पर कॉल करें।

  • UGC Anti-Ragging Portal पर शिकायत दर्ज करें।

  • कॉलेज प्रशासन या रैगिंग विरोधी समिति से संपर्क करें।

  • मानसिक या भावनात्मक समर्थन के लिए काउंसलिंग लें।


🔐 छात्रों की गोपनीयता का पूरा ध्यान

UGC ने यह भी सुनिश्चित किया है कि किसी भी शिकायतकर्ता की पहचान गोपनीय रखी जाएगी ताकि उन्हें किसी तरह की बदले की भावना का शिकार न होना पड़े।


📝 निष्कर्ष: रैगिंग को जड़ से खत्म करना अब समय की जरूरत

UGC का यह नया फरमान आधुनिक समय की मांग को समझते हुए छात्रों की सुरक्षा को प्राथमिकता देता है। अब सिर्फ शारीरिक उत्पीड़न ही नहीं, बल्कि मानसिक उत्पीड़न और सोशल मीडिया पर भी रैगिंग की परिभाषा शामिल कर दी गई है। इससे उन छात्रों को न्याय मिलेगा जो वर्षों से चुपचाप सहते आ रहे थे।

छात्रों को भी यह समझने की जरूरत है कि सीनियर होने का मतलब जूनियर्स पर हुकूमत चलाना नहीं, बल्कि उन्हें प्रेरित करना और मार्गदर्शन देना है।


❓FAQs: UGC WhatsApp रैगिंग नियमों पर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

Q1. क्या WhatsApp Group में मजाक करना भी रैगिंग है?
अगर वह मजाक जूनियर्स को मानसिक रूप से परेशान करता है, तो हां, वह रैगिंग मानी जाएगी।

Q2. क्या कॉलेज प्रशासन WhatsApp Groups पर नजर रख सकता है?
UGC ने कॉलेजों को निगरानी रखने का निर्देश दिया है, लेकिन इसमें छात्रों का सहयोग भी जरूरी है।

Q3. रैगिंग की शिकायत कहां करें?
UGC की एंटी-रैगिंग हेल्पलाइन या पोर्टल पर शिकायत दर्ज की जा सकती है।

Q4. क्या सीनियर्स को तुरंत निष्कासित कर दिया जाएगा?
सभी मामलों की जांच के बाद ही उचित कार्रवाई की जाएगी।

Q5. अगर संस्थान कार्रवाई नहीं करता तो क्या करें?
UGC को सीधे शिकायत भेज सकते हैं, वो जांच के बाद कार्रवाई करेगा।

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