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1 जुलाई 2025 से बदल जाएगा WhatsApp पर बिजनेस मैसेज भेजने का तरीका 🚨 | Meta की नई प्राइसिंग से मार्केटिंग कंपनियों को लगेगा तगड़ा झटका! |
WhatsApp Business यूज़ करने वालों की बढ़ेगी मुश्किल! Meta की नई पॉलिसी से हर मैसेज पर लगेगा चार्ज 📩 – जानिए कैसे बचें भारी बिल से
WhatsApp पर बिजनेस के लिए मैसेज भेजना अब पहले जैसा सस्ता नहीं रहेगा। 📉 मेटा (Meta) ने अपनी WhatsApp Business प्राइसिंग पॉलिसी में 1 जुलाई 2025 से बड़ा बदलाव करने का ऐलान किया है। अब बिजनेस अकाउंट से भेजे गए हर मैसेज पर शुल्क लिया जाएगा, जो पहले केवल प्रति-कॉन्वर्सेशन लिया जाता था।
🔄 क्या है WhatsApp की नई प्राइसिंग पॉलिसी?
अब तक बिजनेस अकाउंट्स को ग्राहक से पूरी बातचीत (conversation) के आधार पर चार्ज किया जाता था, लेकिन अब हर मैसेज पर चार्ज किया जाएगा। Meta का कहना है कि यह बदलाव मैसेजिंग इंडस्ट्री के स्टैंडर्ड के अनुरूप है और इससे प्राइसिंग प्रणाली में पारदर्शिता आएगी।
💬 कस्टमर इंटरैक्शन में आएगा लचीलापन
Meta ने बताया कि अगर कोई बिजनेस अकाउंट किसी यूजर को Utility Template के जरिए जवाब देता है, और वह जवाब Customer Service Window के भीतर आता है, तो उस पर कोई शुल्क नहीं लगेगा। ⚡
👉 Utility Template क्या होता है?
ग्राहक को भेजे जाने वाले वो मैसेज जो ट्रांजैक्शन, ऑर्डर स्टेटस या सर्विस अपडेट से जुड़े होते हैं।
ये सूचनात्मक (Informational) होते हैं, न कि प्रमोशनल (Promotional)।
🕒 Customer Service Window क्या है?
यह वह समय होता है, जिसमें बिजनेस और ग्राहक के बीच हुई बातचीत को सर्विस इंटरैक्शन माना जाता है। इस विंडो में कुछ मैसेज फ्री या डिस्काउंटेड हो सकते हैं।
🧾 कैटेगरी और समय के आधार पर तय होंगे चार्ज
1 जुलाई 2025 से WhatsApp तीन प्रकार के टेम्पलेट्स पर शुल्क लेगा:
📣 Marketing Template
⚙️ Utility Template
🔐 Authentication Template
यदि ये संदेश Customer Service Window के बाहर भेजे जाते हैं, तो उन पर अलग-अलग शुल्क लगेंगे। लेकिन Utility Template अगर विंडो के भीतर भेजा गया है, तो वह निःशुल्क रहेगा।
📊 Volume-Based Rating System भी लागू होगा
WhatsApp अब Volume Tiering System लागू करने जा रहा है। इसका फायदा उन कंपनियों को होगा जो:
WhatsApp पर ज्यादा संख्या में मैसेज भेजती हैं 📤
उनके लिए प्रति मैसेज दरें कम होंगी
यह सिस्टम कंपनियों को WhatsApp पर अधिक ग्राहकों से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करेगा 📈
💰 कैसे तय होंगे बिजनेस अकाउंट के चार्ज?
WhatsApp निम्न दो आधारों पर चार्ज तय करेगा:
🌍 रिसीवर के फोन नंबर का कंट्री कोड – यानी वह किस देश में है।
🗂️ संदेश की कैटेगरी – मार्केटिंग, यूटिलिटी या ऑथेंटिकेशन।
⚠️ बिजनेस अकाउंट्स पर होगा ये असर
इस बदलाव का सीधा असर उन कंपनियों पर पड़ेगा जो WhatsApp को कम लागत वाली कम्युनिकेशन टूल की तरह इस्तेमाल करती थीं। खासतौर पर:
जो कंपनियां प्रमोशनल या मार्केटिंग मैसेज भेजती हैं 📢
उन्हें अब नई रणनीति बनानी होगी ताकि लागत में बढ़ोतरी से निपटा जा सके
🎯 क्या करें बिजनेस अकाउंट्स को?
💡 स्मार्ट सेगमेंटेशन का इस्तेमाल करें ताकि सिर्फ टार्गेट कस्टमर को मैसेज जाए
📆 समयबद्ध मैसेजिंग करें ताकि फ्री विंडो का पूरा लाभ मिल सके
📉 Promotional मैसेज की फ्रीक्वेंसी घटाकर Cost Optimize करें
💬 Utility Templates का अधिकतम उपयोग करें
🔍 नई पॉलिसी का मकसद क्या है?
Meta का उद्देश्य है:
मैसेजिंग अनुभव को बेहतर बनाना 🤝
बिजनेस के लिए WhatsApp को एक प्रोफेशनल और ट्रांसपेरेंट चैनल बनाना
ज्यादा ट्रैकिंग और कंट्रोल देना, खासकर इंटरनेशनल क्लाइंट्स के लिए
❓FAQs
Q1. WhatsApp की नई प्राइसिंग पॉलिसी कब से लागू होगी?
👉 यह नीति 1 जुलाई 2025 से प्रभाव में आएगी।
Q2. क्या हर मैसेज पर शुल्क लगेगा?
👉 हां, लेकिन सिर्फ Customer Service Window के बाहर भेजे गए मैसेज पर ही शुल्क लगेगा। विंडो के भीतर भेजे गए Utility Messages निःशुल्क होंगे।
Q3. क्या Marketing मैसेज भी चार्जेबल होंगे?
👉 जी हां, मार्केटिंग टेम्पलेट्स पर शुल्क लगेगा, खासकर जब वो विंडो के बाहर भेजे जाएंगे।
Q4. Volume Tiering System से क्या फायदा होगा?
👉 जो कंपनियां ज्यादा मैसेज भेजती हैं, उन्हें प्रति मैसेज कम शुल्क देना होगा।
Q5. इस बदलाव से बिजनेस को कैसे तैयारी करनी चाहिए?
👉 उन्हें अपनी कम्युनिकेशन स्ट्रैटजी को रिव्यू करना चाहिए और Utility Templates का ज्यादा उपयोग करना चाहिए।
📝 निष्कर्ष
Meta का WhatsApp के लिए यह नया प्राइसिंग सिस्टम निश्चित तौर पर बिजनेस वर्ल्ड में बदलाव लाएगा। अब कंपनियों को अपने कम्युनिकेशन मॉडल को अधिक रणनीतिक बनाना होगा। जहां एक ओर लागत बढ़ेगी, वहीं दूसरी ओर कंपनियों को बेहतर टार्गेटिंग और व्यावसायिक नियंत्रण मिलेगा।