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सरकार का बड़ा एक्शन: 90% फर्जी कॉल्स और मैसेज होंगे ब्लॉक, WhatsApp और Telegram यूजर्स के लिए खुशखबरी 🎉🔒 |
WhatsApp और Telegram यूजर्स सावधान! सरकार ने स्कैम रोकने के लिए उठाए ये 5 बड़े कदम, जानिए पूरी डिटेल्स 📢📲
भारत सरकार ने WhatsApp और Telegram जैसे लोकप्रिय OTT ऐप्स 📲 के माध्यम से आने वाले फर्जी कॉल्स और मैसेजेस पर रोक लगाने के लिए एक ठोस रणनीति बनाई है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने इस दिशा में व्यापक अभियान छेड़ने का निर्णय लिया है, ताकि इंटरनेट प्लेटफॉर्म पर बढ़ते फ्रॉड से आम नागरिकों को सुरक्षित रखा जा सके।
WhatsApp, Telegram जैसे प्लेटफॉर्म पर बढ़ते स्कैम्स 🚨
OTT प्लेटफॉर्म जैसे WhatsApp और Telegram इंटरनेट आधारित सेवाएं हैं, जिन्हें पारंपरिक टेलीकॉम कंपनियां रेगुलेट नहीं कर सकतीं। इसी का फायदा उठाकर स्कैमर्स ने इन माध्यमों से लोगों को ठगने का नया रास्ता अपना लिया है। सरकार ने इस खतरे को गंभीरता से लेते हुए हाल ही में स्केटहोल्डर्स के साथ बैठक की और इसे नियंत्रित करने के लिए कदम उठाए हैं।
ज्वाइंट कमिटी का गठन: मजबूत कदम 🛡️
फर्जी कॉल्स और मैसेजेस को रोकने के लिए सरकार ने दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) और अन्य रेगुलेटरी संस्थाओं के साथ मिलकर एक संयुक्त समिति (Joint Committee) का गठन किया है। यह समिति OTT और RCS (Rich Communication Services) के जरिये होने वाले स्कैम्स पर नियंत्रण करेगी।
TRAI की नई गाइडलाइंस 📋
अगस्त 2024 में, TRAI ने टेलीकॉम यूजर्स की सेवा गुणवत्ता (Quality of Service) सुधारने के लिए सख्त गाइडलाइंस जारी की थीं। इसमें अनसोलिसिटेड कमर्शियल कम्युनिकेशन (UCC) को रोकने के लिए रेगुलेटरी ढांचा तैयार किया गया है। हालांकि, इस ढांचे में OTT प्लेटफॉर्म्स को पहले शामिल नहीं किया गया था, जिसे अब बदलने की तैयारी की जा रही है।
क्वालिटी ऑफ सर्विस में सुधार के प्रयास 🚀
सरकार के नए नियमों के तहत अब यूजर्स के लिए फर्जी कॉल्स की पहचान करना और उन्हें रिपोर्ट करना बेहद आसान हो गया है।
नेटवर्क स्तर पर AI आधारित फिल्टर लगाए गए हैं 🤖, जो बिना अधिकृत हेडर के आने वाले कमर्शियल कम्युनिकेशन को ब्लॉक करते हैं।
इससे 90% तक फर्जी कॉल्स और मैसेजेस को नेटवर्क स्तर पर ही रोका जा रहा है।
यूजर्स के लिए राहत: अब पहचानिए और रिपोर्ट कीजिए 🔍
नई प्रणाली के तहत:
📱 स्पैम कॉल्स को तुरंत रिपोर्ट किया जा सकता है।
📲 फर्जी कॉल्स और मैसेजेस की पहचान पहले से कहीं आसान हो गई है।
🔒 यूजर्स की डेटा सुरक्षा को और मजबूत किया जा रहा है।
OTT प्लेटफॉर्म्स पर रेगुलेशन की आवश्यकता 📜
OTT ऐप्स जैसे WhatsApp, Telegram, Signal आदि पर अब रेगुलेटरी नियंत्रण की जरूरत महसूस की जा रही है। सरकार इन प्लेटफॉर्म्स से भी उम्मीद कर रही है कि वे अपने यूजर्स को सुरक्षित रखने के लिए AI और अन्य आधुनिक तकनीकों का उपयोग करेंगे।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल) ❓
Q1: क्या अब WhatsApp पर फर्जी कॉल्स नहीं आएंगे?
👉 सरकार के नए नियमों और प्रयासों से फर्जी कॉल्स पर काफी हद तक रोक लगेगी। हालांकि, यूजर्स को भी सतर्क रहना जरूरी है।
Q2: अगर फर्जी कॉल आए तो क्या करें?
👉 आप अपने फोन की रिपोर्टिंग फीचर के माध्यम से तुरंत कॉल को रिपोर्ट कर सकते हैं या TRAI के ऐप्स का उपयोग कर सकते हैं।
Q3: क्या Telegram जैसे ऐप्स भी रेगुलेट होंगे?
👉 जी हां, सरकार OTT प्लेटफॉर्म्स पर भी रेगुलेशन लागू करने की दिशा में काम कर रही है।
Q4: नए नियमों से यूजर्स को क्या फायदा होगा?
👉 यूजर्स को फर्जी कॉल्स और मैसेजेस से सुरक्षा मिलेगी और डेटा की गोपनीयता बनी रहेगी।
निष्कर्ष ✨
सरकार का यह कदम डिजिटल सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। WhatsApp और Telegram जैसे प्लेटफॉर्म्स पर फर्जी कॉल्स और मैसेजेस की समस्या से निजात पाने के लिए अब ठोस रणनीति अपनाई जा रही है। अगर सरकार, टेलीकॉम कंपनियां और OTT प्लेटफॉर्म मिलकर काम करें तो डिजिटल दुनिया को और सुरक्षित बनाया जा सकता है। 📱🔒