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WhatsApp-Telegram चैट पर SEBI की नजर! निवेशकों के लिए बड़ी खबर, जानें सरकार का फैसला
WhatsApp-Telegram चैट पर SEBI की नजर! निवेशकों के लिए बड़ी खबर, जानें सरकार का फैसला
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भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर शेयर बाजार और निवेश से जुड़े अनधिकृत फाइनेंशियल टिप्स देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की योजना बनाई है। SEBI ने सरकार से अधिक अधिकारों की मांग की है ताकि वह WhatsApp, Telegram और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर शेयर बाजार से जुड़ी गतिविधियों पर नजर रख सके और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कदम उठा सके।
सोशल मीडिया पर निवेश सलाह देने वालों पर SEBI की पैनी नजर
पिछले कुछ वर्षों में WhatsApp और Telegram जैसे प्लेटफॉर्म्स पर कई फाइनेंशियल ग्रुप्स बने हैं, जहां निवेश से जुड़े टिप्स दिए जाते हैं। इनमें से कई ग्रुप्स अवैध गतिविधियों में लिप्त पाए गए हैं, जिनमें बिना लाइसेंस के निवेश सलाह देना और निवेशकों को गुमराह करना शामिल है। SEBI का मानना है कि इस तरह की गतिविधियों से आम निवेशकों को भारी नुकसान हो सकता है।
SEBI को चाहिए सोशल मीडिया डेटा एक्सेस
SEBI ने सरकार से अनुरोध किया है कि उसे सोशल मीडिया पर मौजूद ग्रुप्स और संदेशों को हटाने (Take Down) और संदेहास्पद खातों पर कार्रवाई करने का अधिकार दिया जाए। इससे बाजार में हेरफेर करने वालों पर लगाम लगाई जा सकेगी और निवेशकों के हितों की रक्षा की जा सकेगी।
पहले भी सरकार से मांगे थे अधिकार, अब तक नहीं मिली मंजूरी
यह पहली बार नहीं है जब SEBI ने सरकार से सोशल मीडिया डेटा तक पहुंच की मांग की है। 2022 में भी SEBI ने इसी तरह का अनुरोध किया था, लेकिन तब इसे मंजूरी नहीं मिली थी। अब दोबारा इस अनुरोध को रखा गया है ताकि बाजार में हो रही अनियमितताओं को रोका जा सके।
WhatsApp और Telegram का SEBI को डेटा देने से इनकार
SEBI के अनुरोध पर WhatsApp, Meta और Telegram जैसी कंपनियों ने असहयोग दिखाया है। उन्होंने ग्रुप चैट्स और मैसेज डेटा शेयर करने से इनकार कर दिया है। मौजूदा आईटी कानूनों के अनुसार, SEBI को 'अधिकृत एजेंसी' का दर्जा नहीं मिला है, जिसके चलते सोशल मीडिया कंपनियां उसे डेटा देने के लिए बाध्य नहीं हैं। हालांकि, Telegram ने हाल ही में कहा कि वह SEBI के साथ काम कर रहा है और सभी वैध अनुरोधों को प्रोसेस कर रहा है, लेकिन कॉल डेटा तकनीकी कारणों से उपलब्ध नहीं कराया जा सकता।
शेयर बाजार में हेरफेर करने वालों की पहचान जरूरी
WhatsApp और Telegram पर कई ऐसे ग्रुप्स मौजूद हैं जो स्टॉक्स से जुड़ी जानकारी के बदले पैसे लेते हैं। इनमें से कुछ ग्रुप्स 'फ्रंट रनिंग' (किसी बड़े सौदे की जानकारी पहले से लीक करना) और 'इनसाइडर ट्रेडिंग' (कंपनी की गोपनीय जानकारी के आधार पर निवेश करना) जैसी अवैध गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं। SEBI का मानना है कि इन मामलों की गहराई से जांच के लिए उसे सोशल मीडिया डेटा तक पहुंच मिलनी चाहिए।
सरकार SEBI के अनुरोध पर कर रही विचार
सरकार फिलहाल SEBI की मांग पर विचार कर रही है। अगर SEBI को सोशल मीडिया डेटा तक पहुंच की मंजूरी मिलती है, तो यह शेयर बाजार में हो रही अनियमितताओं को रोकने में मददगार साबित हो सकता है। इससे निवेशकों के हितों की सुरक्षा होगी और बाजार में पारदर्शिता बढ़ेगी।
निष्कर्ष:
SEBI सोशल मीडिया पर शेयर बाजार से जुड़ी अनधिकृत गतिविधियों को रोकने के लिए गंभीर कदम उठा रहा है। अगर सरकार उसे आवश्यक अधिकार देती है, तो यह कदम निवेशकों को ठगी से बचाने और बाजार में निष्पक्षता बनाए रखने में अहम भूमिका निभा सकता है।