WhatsApp पर EU का सबसे बड़ा झटका! नए नियमों की अनदेखी की तो लगेगा अरबों का जुर्माना, नए डिजिटल कानून बदल देंगे आपका चैटिंग अनुभव

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WhatsApp पर EU का सबसे बड़ा झटका! नए नियमों की अनदेखी की तो लगेगा अरबों का जुर्माना, नए डिजिटल कानून बदल देंगे आपका चैटिंग अनुभव
WhatsApp पर EU का सबसे बड़ा झटका! नए नियमों की अनदेखी की तो लगेगा अरबों का जुर्माना, नए डिजिटल कानून बदल देंगे आपका चैटिंग अनुभव

WhatsApp पर EU का सबसे बड़ा झटका! नए नियमों की अनदेखी की तो लगेगा अरबों का जुर्माना, नए डिजिटल कानून बदल देंगे आपका चैटिंग अनुभव

WhatsApp अब यूरोपीय संघ (EU) के Digital Services Act (DSA) के तहत Very Large Online Platform (VLOP) की श्रेणी में आ गया है। इस नई श्रेणी में आने के बाद, इसे अवैध और हानिकारक कंटेंट पर सख्त कदम उठाने होंगे, अन्यथा इसे भारी जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है। आइए विस्तार से जानते हैं कि ये नियम क्या हैं और WhatsApp पर इसका क्या असर पड़ेगा।

WhatsApp को EU के सख्त नियमों का सामना

Apple, Google और Microsoft के बाद अब WhatsApp भी यूरोप में सख्त डिजिटल नियमों के दायरे में आ गया है। Meta के स्वामित्व वाला यह मैसेजिंग ऐप अब EU Digital Services Act (DSA) के तहत निर्धारित यूजर लीमिट को पार कर चुका है। हाल ही में जारी रिपोर्ट के अनुसार, WhatsApp के एक्टिव यूजर्स की संख्या 46.8 मिलियन तक पहुंच चुकी है, जिससे यह नए नियमों के दायरे में आ गया है।

DSA का यूजर बेंचमार्क पार

यूरोपीय संघ के नए डिजिटल नियमों के अनुसार, यदि कोई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म 45 मिलियन मासिक एक्टिव यूजर्स की सीमा पार कर लेता है, तो उसे Very Large Online Platform (VLOP) की श्रेणी में रखा जाता है। 14 फरवरी को जारी WhatsApp की रिपोर्ट के मुताबिक, दिसंबर 2024 तक यूरोप में इसके औसतन 46.8 मिलियन मासिक यूजर थे। यूरोपीय आयोग (European Commission) के प्रवक्ता थॉमस रेग्नियर ने इसकी पुष्टि की कि अब WhatsApp को VLOP कैटेगरी में गिना जाएगा

WhatsApp को DSA के नियमों का पालन करना अनिवार्य

WhatsApp के पास चार महीने का समय है, ताकि वह DSA के सख्त नियमों का पूरी तरह पालन कर सके। आइए जानते हैं कि WhatsApp को अब किन नियमों का पालन करना होगा:

  1. अवैध और हानिकारक कंटेंट को पहचानकर हटाना: WhatsApp को ऐसे कंटेंट को मॉनिटर करना होगा, जो गैरकानूनी या समाज के लिए हानिकारक हो सकते हैं।

  2. मौलिक अधिकारों, सार्वजनिक सुरक्षा और बाल संरक्षण पर ध्यान देना: WhatsApp को यह सुनिश्चित करना होगा कि इसका प्लेटफॉर्म लोकतांत्रिक मूल्यों और बच्चों की सुरक्षा के खिलाफ उपयोग न हो।

  3. DSA नियमों के उल्लंघन पर भारी जुर्माना: यदि WhatsApp इन नियमों का पालन करने में विफल रहता है, तो उसे ग्लोबल एनुअल रेवेन्यू का 6% तक जुर्माना देना पड़ सकता है।

Meta ने यूरोपीय संघ के नियमों पर उठाए सवाल

WhatsApp की पेरेंट कंपनी Meta पहले से ही अपने अन्य प्लेटफॉर्म जैसे Facebook और Instagram पर इन नियमों का पालन कर रही है। हालांकि, Meta के CEO मार्क जुकरबर्ग और ग्लोबल पॉलिसी डायरेक्टर जोएल कैपलान लगातार यूरोपीय संघ की तकनीकी नीतियों की आलोचना कर रहे हैं।

हाल ही में आयोजित म्यूनिख सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए जोएल कैपलान ने कहा कि यूरोपीय संघ Meta को टारगेट कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि आवश्यक हुआ तो वे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से हस्तक्षेप की मांग कर सकते हैं।

Meta फेक न्यूज से लड़ने के लिए प्रतिबद्ध

Meta ने यह भी स्पष्ट किया है कि वह फेक न्यूज और भ्रामक जानकारी के खिलाफ सख्त कदम उठा रहा है। इसके लिए उसने Community Notes जैसी सुविधा पेश की है, जिससे यूजर्स को फैक्ट-चेकिंग में मदद मिलेगी।

निष्कर्ष

WhatsApp को अब यूरोप में DSA के सख्त नियमों का पालन करना अनिवार्य हो गया है। यदि वह ऐसा करने में असफल रहता है, तो उसे भारी जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है। Meta ने EU की टेक नीतियों पर सवाल उठाए हैं, लेकिन उसे अब इस नई श्रेणी में आने के बाद अनिवार्य रूप से अवैध और हानिकारक कंटेंट के खिलाफ कड़े कदम उठाने होंगे। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले महीनों में WhatsApp और Meta इस नए नियम के अनुरूप कैसे काम करते हैं

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