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Pegasus के बाद Paragon: WhatsApp यूजर्स पर नया Cyber Attack! क्या आपका फोन भी है निशाने पर? |
Pegasus के बाद Paragon: WhatsApp यूजर्स पर नया Cyber Attack! क्या आपका फोन भी है निशाने पर?
मेटा के स्वामित्व वाले पॉपुलर मैसेजिंग ऐप WhatsApp के करीब 100 पत्रकारों और सिविल सोसाइटी के सदस्यों को एक खतरनाक Spyware Attacks का शिकार बनाया गया है। यह अटैक इजरायली कंपनी Paragon सॉल्यूशंस द्वारा विकसित स्पाइवेयर के माध्यम से हुआ। WhatsApp ने इस खतरे को लेकर यूजर्स को सतर्क कर दिया है।
Spyware Attacks: WhatsApp का बड़ा खुलासा
WhatsApp ने शुक्रवार को एक रिपोर्ट में बताया कि Paragon सॉल्यूशंस द्वारा विकसित एक स्पाइवेयर ने 100 से अधिक पत्रकारों और सिविल सोसाइटी मेंबर्स को निशाना बनाया। द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, WhatsApp ने अपने प्रभावित यूजर्स को सूचित कर दिया है और पुष्टि की है कि कुछ डिवाइसेज़ इस अटैक से कॉम्प्रोमाइज हो गई थीं।
Paragon सॉल्यूशंस और जीरो-क्लिक अटैक
अब तक इस हमले के पीछे किस संस्था का हाथ है, यह स्पष्ट नहीं हुआ है। Paragon सॉल्यूशंस एक इजरायली साइबर सिक्योरिटी कंपनी है, जो अपनी स्पाइवेयर टेक्नोलॉजी को सरकारी एजेंसियों को बेचती है। लेकिन WhatsApp ने यह खुलासा नहीं किया कि इस अटैक के लिए कौन सी सरकारें जिम्मेदार थीं।
क्या है जीरो-क्लिक अटैक?
सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह एक "जीरो-क्लिक" अटैक था। यानी यूजर्स को किसी लिंक पर क्लिक करने या कोई फाइल डाउनलोड करने की जरूरत नहीं पड़ी। यह हमला सीधा उनके डिवाइस को निशाना बना रहा था। WhatsApp ने अभी तक यह नहीं बताया कि प्रभावित यूजर्स किस देश के थे।
WhatsApp ने भेजा लीगल नोटिस
WhatsApp ने Paragon को लीगल नोटिस भेजा है, जिसमें इस स्पाइवेयर के उपयोग को रोकने की मांग की गई है। कंपनी ने यह भी बताया कि दिसंबर में इस स्पाइवेयर को ब्लॉक कर दिया गया था, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि यूजर्स कितने समय तक इस खतरे में थे।
Paragon की सफाई और विवाद
Paragon सॉल्यूशंस ने अभी तक इन आरोपों पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। हालांकि, रिपोर्ट्स के अनुसार, कंपनी के करीबी सूत्रों ने दावा किया है कि Paragon केवल लोकतांत्रिक सरकारों के साथ काम करता है और उन देशों को स्पाइवेयर नहीं बेचता, जिनका दुरुपयोग का इतिहास रहा है। इनमें ग्रीस, पोलैंड, हंगरी और मेक्सिको शामिल हैं।
Pegasus की तरह ही खतरनाक ग्रेफाइट स्पाइवेयर
Paragon का स्पाइवेयर "ग्रेफाइट" काफी हद तक कुख्यात Pegasus स्पाइवेयर की तरह काम करता है, जिसे NSO ग्रुप ने विकसित किया था। एक बार इंस्टॉल होने के बाद, यह स्पाइवेयर टारगेट के फोन से सभी डेटा एक्सेस कर सकता है, जिसमें WhatsApp और Signal पर भेजे गए एन्क्रिप्टेड मैसेज भी शामिल हैं।
WhatsApp की बड़ी चिंता: ग्रुप चैट में फैला मैलिसियस PDF
WhatsApp को शक है कि Paragon का स्पाइवेयर ग्रुप चैट में भेजी गई मैलिसियस PDF फाइल्स के जरिए फैलाया गया। कंपनी इस हमले की जांच के लिए टोरंटो यूनिवर्सिटी की सिटीजन लैब के रिसर्चर्स के साथ मिलकर काम कर रही है।
WhatsApp vs. NSO ग्रुप: पहले भी हुआ कानूनी विवाद
यह नया अटैक NSO ग्रुप के खिलाफ WhatsApp की पुरानी कानूनी लड़ाई के बाद सामने आया है। हाल ही में एक यूएस जज ने फैसला सुनाया कि NSO ग्रुप ने 2019 में 1,400 WhatsApp यूजर्स को हैक किया था, जो कि यूएस हैकिंग कानूनों और WhatsApp की सेवा शर्तों का उल्लंघन करता है।
निष्कर्ष: WhatsApp यूजर्स को रहना होगा सतर्क
इस नए स्पाइवेयर हमले से यह साफ हो गया है कि साइबर हमलों का खतरा लगातार बढ़ रहा है। WhatsApp और अन्य सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स इस मामले की गहन जांच कर रहे हैं, लेकिन यूजर्स को खुद भी सतर्क रहने की जरूरत है।
कैसे बचें Spyware Attacks से?
अनजान लिंक और अटैचमेंट्स को न खोलें
सॉफ्टवेयर और ऐप्स को हमेशा अपडेट रखें
अज्ञात कॉल्स और मैसेज से सतर्क रहें
मोबाइल में सिक्योरिटी पैच अपडेट को समय पर इंस्टॉल करें
WhatsApp और अन्य ऐप्स की सिक्योरिटी सेटिंग्स को चेक करें
इस तरह के साइबर हमलों से बचने के लिए सावधानी और जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है।