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WhatsApp पर भेजी गई Apk File से 26 लाख की ठगी, साइबर क्राइम पुलिस ने चार आरोपियों को किया गिरफ्तार |
WhatsApp पर भेजी गई Apk File से 26 लाख की ठगी, साइबर क्राइम पुलिस ने चार आरोपियों को किया गिरफ्तार
नोएडा की थाना साइबर क्राइम पुलिस ने एक बड़े साइबर अपराध का खुलासा करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों ने WhatsApp ग्रुप का उपयोग कर निवेश के नाम पर लोगों को फंसाया और उन्हें हायर प्रॉफिट का लालच देकर ठगी की। पीड़ितों से 26 लाख 11 हजार रुपए की ठगी का मामला सामने आया है।
कैसे हुई ठगी?
डीसीपी साइबर क्राइम नोएडा प्रीति यादव ने बताया कि ठगों ने WhatsApp ग्रुप के जरिए पीड़ित को जोड़कर मुनाफे का झांसा दिया। शुरुआत में पीड़ित को मुनाफा दिया गया, जिससे उसका विश्वास बढ़ा। इसके बाद उसने और पैसे निवेश किए। धीरे-धीरे ठगों ने 26 लाख रुपए की ठगी को अंजाम दिया।
आरोपियों ने पीड़ित को एक Apk File भेजी, जिसे डाउनलोड करने पर उनका फोन ठगों के नियंत्रण में आ गया। इसके जरिए उन्होंने पीड़ित का डेटा एक्सेस किया और साइबर अपराध को अंजाम दिया।
पुलिस ने क्या कार्रवाई की?
पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए कुलदीप गिरी, शादाब हुसैन, साहिल और खुशी मोहम्मद को गिरफ्तार किया है। ये सभी आरोपी जलवायु विहार स्टेडियम रोड से गिरफ्तार किए गए।
पुलिस ने पीड़ित के 6 लाख 34 हजार 831 रुपए फ्रीज कर दिए हैं और उनकी वापसी की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह मामला 13 जनवरी को पीड़ित की शिकायत के बाद दर्ज किया गया था।
आरोपियों के खिलाफ अन्य मामले
जांच के दौरान यह भी पता चला कि इन आरोपियों के खिलाफ तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, गोवा, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक और तेलंगाना जैसे राज्यों में कुल 14 शिकायतें दर्ज हैं।
साइबर क्राइम में बढ़ोतरी: सावधान रहें!
इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि साइबर अपराधी नई-नई तकनीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। Apk File जैसे खतरनाक तरीकों का उपयोग कर ये लोग मोबाइल का एक्सेस हासिल कर लेते हैं।
हाल के दिनों में 'डिजिटल अरेस्ट' जैसे मामले भी सामने आए हैं, जहां साइबर अपराधी पीड़ित के मानसिक नियंत्रण तक का प्रयास करते हैं। एक कॉल से शुरू हुआ यह जाल लाखों रुपए की ठगी का कारण बनता है।
कैसे बचें साइबर ठगी से?
अनजान लिंक या File डाउनलोड न करें: WhatsApp या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भेजे गए किसी भी अनजान लिंक या File को कभी डाउनलोड न करें।
डबल-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का उपयोग करें: अपने मोबाइल और ईमेल अकाउंट्स को सुरक्षित रखने के लिए यह फीचर एक्टिवेट करें।
सतर्क रहें और जानकारी साझा न करें: कभी भी अपनी बैंक डिटेल्स, ओटीपी या व्यक्तिगत जानकारी अनजान व्यक्तियों के साथ साझा न करें।
संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्ट करें: अगर आपको किसी तरह की ठगी का शक हो, तो तुरंत साइबर क्राइम पुलिस को रिपोर्ट करें।
निष्कर्ष
साइबर अपराध के बढ़ते मामलों को देखते हुए सतर्क रहना अत्यंत आवश्यक है। नोएडा पुलिस द्वारा की गई यह कार्रवाई अन्य अपराधियों के लिए एक सख्त संदेश है। साथ ही, आम जनता को भी जागरूक होना चाहिए और डिजिटल सुरक्षा के उपाय अपनाने चाहिए।