भारत में WhatsApp Ban पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: WhatsApp Ban याचिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिया यह बयान

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भारत में WhatsApp Ban पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: WhatsApp Ban याचिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिया यह बयान
भारत में WhatsApp Ban पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: WhatsApp Ban याचिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिया यह बयान

भारत में WhatsApp Ban पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: WhatsApp Ban याचिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिया यह बयान

WhatsApp पर Ban की खबर और सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला - भारत में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले मैसेजिंग एप्लिकेशन WhatsApp को लेकर एक बड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट में उठाया गया था। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इस पर बड़ा फैसला सुनाते हुए एक याचिका को खारिज कर दिया है। याचिका में मांग की गई थी कि देश में WhatsApp को प्रतिबंधित किया जाए, क्योंकि यह 2021 के सूचना प्रौद्योगिकी नियमों का उल्लंघन कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को 14 नवंबर को जनहित याचिका के रूप में स्वीकार करने से इनकार कर दिया।

याचिकाकर्ता की दलीलें और WhatsApp पर आरोप

केरल हाईकोर्ट में सबसे पहले इस मामले को याचिकाकर्ता ओमनकुट्टन केजी ने उठाया था। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार तब तक WhatsApp पर Ban लगाए जब तक यह सरकारी नियमों का पूर्ण पालन नहीं करता। उनका तर्क था कि WhatsApp ने गोपनीयता नीति और अन्य सुरक्षा नियमों का पालन नहीं किया है, जिससे कई सुरक्षा और कानूनी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं।

WhatsApp का दावा है कि उनके प्लेटफार्म पर एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन है, जिससे किसी भी मैसेज का स्रोत ट्रैक करना संभव नहीं है। इसके विपरीत, याचिकाकर्ता ने दावा किया कि WhatsApp उपयोगकर्ता की कुछ जानकारियाँ, जैसे कॉन्टैक्ट और निजी डेटा, का एक्सेस रखता है जो कई संभावित खतरों को जन्म दे सकता है।

WhatsApp पर Ban की वजहें और आरोप

याचिका में WhatsApp के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए गए थे:

  1. फर्जी खबरें और असामाजिक कंटेंट का प्रसार: आरोप था कि इस प्लेटफार्म का उपयोग फर्जी खबरें, वीडियो और फोटो फैलाने के लिए किया जाता है, जो समाज विरोधी और देश विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा दे सकते हैं।

  2. यूजर्स का डेटा स्टोर करना: WhatsApp की गोपनीयता नीति के अनुसार, कुछ विशेष परिस्थितियों में यूजर्स का डेटा स्टोर किया जाता है, जिससे उनकी प्राइवेसी को खतरा हो सकता है।

  3. कानूनी नोटिस पर निर्भरता: कोर्ट के समन और अन्य कानूनी नोटिस भी WhatsApp के जरिए भेजे जाते हैं, लेकिन ऐसे संदेशों की प्रामाणिकता की कोई गारंटी नहीं होती है।

क्या है सूचना प्रौद्योगिकी नियम, 2021?

2021 में जारी किए गए सूचना प्रौद्योगिकी नियम डिजिटल मंचों को पारदर्शी और जिम्मेदार बनाने के लिए बनाए गए हैं। इस नियम के तहत, सोशल मीडिया कंपनियों को भारत सरकार के दिशानिर्देशों का पालन करना अनिवार्य है, ताकि फर्जी खबरें और देश विरोधी कंटेंट पर नियंत्रण किया जा सके। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि WhatsApp इन नियमों का पूर्णतः पालन नहीं करता है, जिससे असामाजिक तत्वों को गलत सूचनाएं फैलाने का मौका मिलता है।

सुप्रीम कोर्ट का रुख

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस अरविंद कुमार की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की। कोर्ट ने याचिकाकर्ता की बातों को गंभीरता से सुना, लेकिन फिलहाल इस मामले पर कोई आदेश जारी नहीं किया।

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