जम्मू-कश्मीर सरकार ने Gmail और WhatsApp पर लगाया प्रतिबंध: सरकारी दस्तावेजों की सुरक्षा के लिए कड़ा कदम |
जम्मू-कश्मीर सरकार ने Gmail और WhatsApp पर लगाया प्रतिबंध: सरकारी दस्तावेजों की सुरक्षा के लिए कड़ा कदम
जम्मू और कश्मीर सरकार ने संवेदनशील आधिकारिक दस्तावेजों को सुरक्षित रखने के लिए बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने थर्ड-पार्टी प्लेटफॉर्म्स जैसे WhatsApp और Gmail पर इन दस्तावेजों के आदान-प्रदान पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। यह निर्णय सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी किया गया, जिसमें डेटा लीक और सुरक्षा उल्लंघन की बढ़ती घटनाओं पर चिंता व्यक्त की गई।
थर्ड-पार्टी प्लेटफॉर्म्स से सुरक्षा जोखिम
सरकार ने कहा है कि WhatsApp और Gmail जैसे प्लेटफॉर्म संवेदनशील या गोपनीय डेटा के लिए उपयुक्त नहीं हैं। इनकी सुरक्षा प्रणाली सरकारी मानकों को पूरा नहीं करती। इसके परिणामस्वरूप डेटा लीक और अनधिकृत पहुंच का खतरा बढ़ जाता है, जिससे प्रशासन की अखंडता प्रभावित हो सकती है।
आधिकारिक आदेश के मुख्य बिंदु
आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि थर्ड-पार्टी प्लेटफॉर्म्स के उपयोग की बढ़ती प्रवृत्ति महत्वपूर्ण सूचनाओं की गोपनीयता और सुरक्षा को गंभीर रूप से खतरे में डाल रही है।
गोपनीय सूचनाओं की श्रेणियां
सरकार ने गोपनीय सूचनाओं को चार प्रमुख श्रेणियों में विभाजित किया है:
टॉप सीक्रेट
सीक्रेट
कॉन्फिडेंशियल
रिस्ट्रिक्टेड
नए प्रोटोकॉल और सुरक्षा उपाय
टॉप सीक्रेट और सीक्रेट जानकारी:
इंटरनेट पर साझा नहीं की जाएगी।
इन दस्तावेजों का आदान-प्रदान केवल बंद नेटवर्क पर SAG-ग्रेड एन्क्रिप्शन के जरिए किया जाएगा।
कॉन्फिडेंशियल और रिस्ट्रिक्टेड जानकारी:
इन्हें केवल AES 256-बिट एन्क्रिप्शन वाले नेटवर्क पर साझा किया जा सकता है।
सरकारी ईमेल और इंस्टेंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म का उपयोग अनिवार्य
सरकार ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि गोपनीय जानकारी के आदान-प्रदान के लिए सरकारी ईमेल सेवाओं या विशेष इंस्टेंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म्स (जैसे सी-डैक का संवाद और एनआईसी का संदेश) का उपयोग करें। इसके अलावा, ई-ऑफिस सिस्टम में फायरवॉल और व्हाइटलिस्टेड आईपी एड्रेस का उपयोग सुनिश्चित किया जाए।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और घर से काम करने पर नियम
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्रतिबंध:
टॉप सीक्रेट और सीक्रेट जानकारी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से साझा करने पर पूर्ण प्रतिबंध है।
वर्क फ्रॉम होम प्रोटोकॉल:
घर से काम करने वाले अधिकारी केवल सुरक्षा-सम्बंधित डिवाइस का उपयोग करेंगे।
कार्यालय सर्वर से जुड़ने के लिए वीपीएन और फायरवॉल का इस्तेमाल अनिवार्य है।
डिजिटल असिस्टेंट डिवाइस पर रोक
सरकार ने निर्देश दिया है कि गोपनीय मुद्दों पर चर्चा के दौरान डिजिटल असिस्टेंट डिवाइस (जैसे अमेजन इको, एप्पल होमपॉड, गूगल होम) को कार्यालय से दूर रखा जाए।
निष्कर्ष: गोपनीयता और सुरक्षा की दिशा में सख्त कदम
जम्मू-कश्मीर सरकार का यह कदम प्रशासनिक डेटा की गोपनीयता और सुरक्षा को सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम प्रयास है। यह निर्णय न केवल डेटा लीक को रोकने में मदद करेगा बल्कि सरकारी संचार को और अधिक सुरक्षित बनाएगा।