WhatsApp और Telegram पर अब सरकार की सख्त नजर, जल्द हो सकता है बड़ा बदलाव और जारी होगा नये नियम
भारत में WhatsApp और Telegram जैसे ओटीटी कम्युनिकेशन प्लेटफॉर्म्स पर अब सरकार की कड़ी नजर है। हाल ही में आयोजित India Mobile Congress 2024 इवेंट के दौरान, टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के चेयरमैन अनिल कुमार लाहोटी ने इन प्लेटफॉर्म्स को रेगुलेट करने की सिफारिश की। इसका मुख्य कारण कानूनी प्रवर्तन एजेंसियों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
TRAI चेयरमैन की चेतावनी
TRAI चेयरमैन ने स्पष्ट किया कि WhatsApp और Telegram जैसे प्लेटफॉर्म्स, जो ओवर द टॉप (OTT) सर्विसेज प्रदान करते हैं, अब सिर्फ लोगों के लिए ही नहीं, बल्कि बिजनेस के लिए भी फायदेमंद साबित हो रहे हैं। हालांकि, इन प्लेटफॉर्म्स पर कानूनी प्रवर्तन एजेंसी की बढ़ती चिंताओं को समझना आवश्यक है। इसके चलते टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने इन सेवाओं को रेगुलेट करने की वकालत की है।
रेगुलेशन की जरूरत क्यों?
लाहोटी ने इस बात पर जोर दिया कि डिजिटल कम्युनिकेशन के बढ़ते उपयोग के बीच, कानूनी प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से रेगुलेटरी मुद्दे उठाए गए हैं। इन चिंताओं में ऑनलाइन फ्रॉड, स्पैम और अन्य साइबर अपराध शामिल हैं। इसलिए, इन प्लेटफॉर्म्स को रेगुलेट करने का फैसला लिया जा सकता है, ताकि कम्युनिकेशन के इन नए माध्यमों का दुरुपयोग न हो सके।
IMC 2024 का टेक्नोलॉजी पर असर
India Mobile Congress 2024 के दौरान इस विषय पर विशेष चर्चा हुई। इवेंट में TRAI चेयरमैन ने यह भी कहा कि ग्लोबल मार्केट में इनोवेशन और रेगुलेशन के बीच संतुलन बनाने के लिए भी यह कदम महत्वपूर्ण है। उनका मानना है कि डिजिटल कम्युनिकेशन प्लेटफॉर्म्स को रेगुलेट करना न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी आवश्यक हो गया है।
स्पैम और फ्रॉड की समस्या
टेलीकॉम कंपनियों ने हाल के वर्षों में WhatsApp और Telegram पर स्पैम और फ्रॉड के मामलों में वृद्धि की रिपोर्ट की है। हालांकि, डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन (DoT) और TRAI के पास इस मामले में सीमित अधिकार हैं। वर्तमान में, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ही आईटी एक्ट के तहत इन मामलों पर एक्शन ले सकता है, क्योंकि DoT और TRAI के पास इन ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को रेगुलेट करने का अधिकार नहीं है।
क्या बदल सकता है?
अगर सरकार इन प्लेटफॉर्म्स को रेगुलेट करने का फैसला करती है, तो इसका असर सीधे तौर पर यूजर्स और बिजनेस पर पड़ेगा। यूजर्स को अधिक सुरक्षा मिलेगी, लेकिन इसके साथ ही प्लेटफॉर्म्स पर निगरानी बढ़ेगी। यह देखा जाना बाकी है कि सरकार किस प्रकार से रेगुलेशन लागू करेगी और इसका दूरगामी प्रभाव क्या होगा।
IMC 2024 में बढ़ती भागीदारी
15 अक्टूबर से शुरू हुआ India Mobile Congress 2024 इवेंट अब अपने अंतिम चरण में है। इस टेक इवेंट में 120 से ज्यादा देशों और 900 से अधिक स्टार्टअप्स ने हिस्सा लिया। IMC 2024 भारत में तकनीकी इनोवेशन और ग्लोबल टेक्नोलॉजी पर चर्चा का एक महत्वपूर्ण मंच बनकर उभरा है।
निष्कर्ष
सरकार द्वारा WhatsApp और Telegram जैसे प्लेटफॉर्म्स पर निगरानी बढ़ाने के संकेत से यह स्पष्ट हो गया है कि आने वाले समय में डिजिटल कम्युनिकेशन के क्षेत्र में बड़े बदलाव हो सकते हैं। यह कदम न केवल यूजर्स की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि तकनीकी जगत में नए रेगुलेशन्स और इनोवेशन्स के संतुलन के लिए भी आवश्यक है।